माँ
माँ तू कौन है,
तेरा नाम है क्या?
कहां से आई तू इस धरा पर”
अपने साथ ममता का अथाह सागर लेकर।
नौ महीने गर्भ में रखकर,
जन्म हमे देती है तू।
कितना कष्ट सेहकर,
हमे धरा पर लाती है तू।
सबसे पहले मुख से निकले,
वो शब्द बड़ा शीतल है माँ।
दुख से भरे जीवन में,
खुशियों का तू दामन है माँ।
जिस बाग के हम फूल,
उसकी तू माली।
जो भी चाहे सब तू देती,
रखे न हमें खाली।
-अभिनव