माँ
? “” माँ “” ? दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कृर्ति है माँ
जब जब लगी ठण्ड मुझे माँ
चादर ओढ़ाने आयी होमाँ
जब जब लगी धुप मुझे माँ
छाता बनकर आँचल फैलाया है माँ
जब जब मुसीबत मुझ पर आयी माँ
आपके आशीर्वाद ने बचाया माँ
भूख लगी है जब जब मुझको माँ
मुझे हाथो से खाना खिलाया है माँ
लगी जब लालच की प्यास माँ
तो बनकर शिक्षक तुमने समझाया माँ
नेक करम करना है राह में कभी न
डरना है कभी किसी को नुकसान न
पहुंचे ये सब आपने सिखाया माँ
तुम संसार का ऐसा धन
जो कभी खत्म न होगा माँ
तुम प्यार ममता की मूरत माँ
तुम मेरे हर ताले की कुंजी माँ
शब्दों में नहीं लिख पायी हु माँ
!! माँ में तेरी ही परछाई हु माँ !!
!!मॉ!!
नितिका मोनू डाड
चित्तौड़गढ़ (राज.)
6350602609