माँ
#माँ
स्नेह से भरी ममतामयी माँ तुमसे मिला है जीवन दान
कैसे भूल जाऊँ माँ तुम्हें मैं, तुम ही हो मेरा अभिमान।
खुद कष्ट झेलें लाख मगर हमें कभी न दर्द होने दिया
मातृत्व भरा हाथ फेरकर सदैव हमें आशीर्वाद दिया।
ममता की मूरत हो माँ तुम और हर दर्द की दवा है माँ
प्रेम सा गहरा सागर हो व हर सफलता की दुआएं माँ।
शिष्टाचार का पाठ पढ़ाकर अच्छे संस्कार सिखाती माँ
ममता के आँचल में ढ़ककर बुरी नजर से बचाती माँ।
दिन-भर भागती इधर-उधर खूब हँसती और हँसाती माँ
जरूरत पड़ती जब भी माँ की वहीं नजर आ जाती माँ।
घर सहेजती अभावों से लड़ती बच्चों पे प्यार लुटाती माँ
ऊँचाई के शिखर पहुंचे मेरे बच्चे यही ज्ञान सिखाती माँ।
माँ तुम ही गुरु तुम ही भगवान तुम हो मेरा स्वाभिमान
तुम ही मिलो हर जन्म माँ मुझे, दे ईश्वर ऐसा वरदान।
सुमन अग्रवाल “सागरिका”
आगरा
स्वरचित