Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2018 · 1 min read

माँ

“माँ” वो एक लफ्ज़ जिसमें तीनों लोक समाए हैं,
ब्रह्मा विष्णु महेश भी जिसने गोद में खिलाए हैं।
नतमस्तक रहना सदा अपनी जननी के आगे तुम,
तुम्हें पाने को ना जाने कितने कष्ट उसने उठाए हैं।

देवता भी तरसते रहते हैं माँ की ममता पाने को,
माँ के चरणों की धूल अपने माथे पर सजाने को।
बड़े ही खुशनसीब हो तुम कि तुम्हारे पास माँ है,
सबसे बड़ा कवच है माँ हर विपदा से बचाने को।

तैंतीस कोटि देवी देवताओं का वास माँ के चरणों में,
ता-उम्र बैठे रहना सदा बनकर दास माँ के चरणों में।
वेदों में लिखा है माँ से बड़ा कोई नहीं तीन लोकों में,
उस बैंकुठ धाम सा होता है अहसास माँ के चरणों में।

माँ के दिल से निकली दुआ खुदा से भी टाली नहीं जाती,
मत दुखाना दिल माँ का उसकी बद्दुआ खाली नहीं जाती।
“सुलक्षणा” अपनी माँ की सेवा में हर पल तैयार रहती है,
बड़े बदनसीब हैं वो जिनसे ये जन्नत संभाली नहीं जाती।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत
चरखी दादरी (हरियाणा)

38 Likes · 148 Comments · 4238 Views

You may also like these posts

शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
Shreedhar
माई, ओ मेरी माई री
माई, ओ मेरी माई री
gurudeenverma198
दोहे रमेश के करवा चौथ पर
दोहे रमेश के करवा चौथ पर
RAMESH SHARMA
આજે તે અહેસાસ કરાવી જ દીધો
આજે તે અહેસાસ કરાવી જ દીધો
Iamalpu9492
चाँदनी रात
चाँदनी रात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विचार
विचार
Godambari Negi
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदी भाषा
हिंदी भाषा
Kanchan verma
हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी दोहा-कालनेमि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
.
.
*प्रणय*
" अंदाजा "
Dr. Kishan tandon kranti
Sentenced To A World Without You For All Time.
Sentenced To A World Without You For All Time.
Manisha Manjari
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
Shweta Soni
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
माटी
माटी
MUSKAAN YADAV
Noone cares about your feelings...
Noone cares about your feelings...
Suryash Gupta
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
Sanjay ' शून्य'
यार हम कैसे करें
यार हम कैसे करें
Ashwani Kumar
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
Harminder Kaur
यदि हमें शांति के पथ पर चलना है फिर हमें अस्तित्व से जुड़ना
यदि हमें शांति के पथ पर चलना है फिर हमें अस्तित्व से जुड़ना
Ravikesh Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*जीवन का सत्य*
*जीवन का सत्य*
Shashank Mishra
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सुल्तानगंज की अछि ? जाह्न्नु गिरी व जहांगीरा?
सुल्तानगंज की अछि ? जाह्न्नु गिरी व जहांगीरा?
श्रीहर्ष आचार्य
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जीवन है चलने का नाम
जीवन है चलने का नाम
Ram Krishan Rastogi
तुम्हारा पहला पहला प्यार
तुम्हारा पहला पहला प्यार
Akash Agam
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
Loading...