माँ होती भगवान समान
**माँ होती सदा भगवान समान**
**************************
माँ से जग में मिलती है पहचान,
माँ जननी का सदा करो सम्मान।
अंगुली पकड़ कर चलना सिखाया,
वृद्धावस्था में रखो सदा पूरा ध्यान।
प्रसव पीर सहन कर गर्भ में पाला,
जीवन पर माँ बाप का है अहसान।
धन दौलत कुछ भी है चाहिए नही,
बस दो वक्त की रोटी,मीठी जुबान।
गीले पर सो कर तुम्हे सूखे सुलाया,
माँ का दर्जा सदा है भगवान समान।
जगत में सबसे बड़ी होती है पूजा,
माँ की उपासना में छुपा है भगवान।
माता पिता की करो मत बे अदबी,
खुद पर कभी मत करो अभिमान।
मनसीरत पर माँ ने है लाड़ लड़ाया,
मरते दम नही होगा कभी अपमान।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)