Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

माँ से बाल सवाँ रे नही जाते

माँ से बाल अब सँवारे नही जाते
कोई तो समझाये इसे
जाने वाले कभी वापस नही आते
मन मे यही आस लिये है कहती
आकर कयो नही मुझे पुकारते।
यही सोच मे गुजा र दिये
कितने दिन और कितनी राते
यूहीँ तकि ये पे सर रख जागते ,जागते
मुझसे ऐसी क्या हुई गलती
जो तुम इतना हो तङपाते।
पागलो सी हो गयी मेरी दशा
तेरी हर बात दोहराते
क्या मिल रहा तुमहे मजा
फिरते हो जो चेहरा छुपा ते
धुधँली पङ गयी नैनो की ज्योति
याद मे आँसू बहाते बहाते।
आज यदि मै दु:ख हूँ सहती
कयो नही तुम मुझको हँसाते
मेरी सूनी माँग को कयो
तारो से तुम नही सँजाते
कयो शादी की सालगिरह पर
साथ हमा रे खुशी मनाते।
बिन श्रंगार के मै हूँ रहती
होठो पे लाली और बालों मे
कयो नही गजरा सजाते
आज अगर मै हूँ जीती
सिफ॔ बच्चो के वास्ते
जब भी तेरी मजार से है लौटते
अपने आपको असहाय है पाते ।
मेरे बच्चे मुझे बहला ते
मुझको है मजबूत बनाते
बनाने है अभी इनके खुशियों के रास्ते
रोशन कर नाम पिता जैसे दिये जगमगाते।

Language: Hindi
1 Comment · 714 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" पैगाम "
Dr. Kishan tandon kranti
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
तिरंगा
तिरंगा
लक्ष्मी सिंह
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मानव के सूने मानस में तुम सरस सरोवर बन जाओ,
मानव के सूने मानस में तुम सरस सरोवर बन जाओ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
Taj Mohammad
🙅भूलना मत🙅
🙅भूलना मत🙅
*प्रणय*
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
रुपेश कुमार
हर कोई समझ ले,
हर कोई समझ ले,
Yogendra Chaturwedi
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
sushil sarna
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
Shweta Soni
मैं कुछ सोच रहा था
मैं कुछ सोच रहा था
Swami Ganganiya
लेकिन वतन तू जिन्दाबाद रहे
लेकिन वतन तू जिन्दाबाद रहे
gurudeenverma198
कोई मरहम
कोई मरहम
Dr fauzia Naseem shad
4211💐 *पूर्णिका* 💐
4211💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
क्यों हिंदू राष्ट्र
क्यों हिंदू राष्ट्र
Sanjay ' शून्य'
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
Basant Bhagawan Roy
भोर सुनहरी
भोर सुनहरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
Dr MusafiR BaithA
वफ़ा और बेवफाई
वफ़ा और बेवफाई
हिमांशु Kulshrestha
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
पूर्वार्थ
खरी - खरी
खरी - खरी
Mamta Singh Devaa
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
Shambhavi Johri
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
एक बार होता है
एक बार होता है
Pankaj Bindas
सफर में हमसफ़र
सफर में हमसफ़र
Atul "Krishn"
भाई
भाई
Dr.sima
Loading...