माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं
माँ रचनाकार है जीवन की
माँ अर्पण है अन्तर्मन की
माँ प्रेम की सपर्पण है
माँ विश्वास की आस्था है
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं…
माँ देवी है, माँ जननी है
माँ जगत की मर्मस्पर्शी है,
माँ आँगन की लक्ष्मी है
माँ मन-मन की सरस्वती है
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं…
माँ कुटुम्ब की ज्योति है
माँ रसोई की वसुंधरा है
माँ हार की बस जीत है
माँ बीन धुन ही संगीत है
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं…
माँ ममता की प्रतिमूर्ति है
माँ पवित्र स्वरूपा दुर्गा है
माँ अविस्मरणीय धरोहर है
माँ धन्य धान्य और दर्पण है
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं…