Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2018 · 1 min read

माँ सरस्वती

स्वागत करूँ मैं माता हंसवाहिनी तुम्हारा
यशगान बस तुम्हारा ही लक्ष्य हो हमारा,

माँ शारदे नमन हो चरणों में नित तुम्हारे
तुमने ही’ निज जनों को अज्ञान से उबारा,

आयी शरण तुम्हारी तज लोक लाज सारी
तव कृपा नित्य बन कर बहती है ज्ञान धारा,

हम शक्ति हीन हैं माँ पतवार बिना नैया
यदि हो दया तुम्हारी मिल जाये’गा किनारा,

रूठे भले जगत यह माँ तुम न रूठ जाना
शिशु को सदा ही होता माता का ही सहारा,

झनकार रहे माता सब छंद नूपुरों में
वर वीण दण्ड मण्डित शुभ हाथ है निहारा

पद युगल शुभ तुम्हारे रज रंच मात्र पाऊँ
उद्धार मेरा होगा यह हृदय ने पुकारा।

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 2 Comments · 417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़े लोग क्रेडिट देते है
बड़े लोग क्रेडिट देते है
Amit Pandey
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
माता सति की विवशता
माता सति की विवशता
SHAILESH MOHAN
कोहरा
कोहरा
Ghanshyam Poddar
प्रेम जीवन धन गया।
प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
वक्त
वक्त
Ramswaroop Dinkar
*चाँद को भी क़बूल है*
*चाँद को भी क़बूल है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संत पुरुष रहते सदा राग-द्वेष से दूर।
संत पुरुष रहते सदा राग-द्वेष से दूर।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पहले दिन स्कूल (बाल कविता)
पहले दिन स्कूल (बाल कविता)
Ravi Prakash
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
आर.एस. 'प्रीतम'
#तुम्हारा अभागा
#तुम्हारा अभागा
Amulyaa Ratan
एक सच
एक सच
Neeraj Agarwal
मूक संवेदना
मूक संवेदना
Buddha Prakash
रात का आलम किसने देखा
रात का आलम किसने देखा
कवि दीपक बवेजा
कल सबको पता चल जाएगा
कल सबको पता चल जाएगा
MSW Sunil SainiCENA
2) भीड़
2) भीड़
पूनम झा 'प्रथमा'
■ सुन भी लो...!!
■ सुन भी लो...!!
*Author प्रणय प्रभात*
* बातें व्यर्थ की *
* बातें व्यर्थ की *
surenderpal vaidya
3022.*पूर्णिका*
3022.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कितना लिखता जाऊँ ?
कितना लिखता जाऊँ ?
The_dk_poetry
🌸साहस 🌸
🌸साहस 🌸
Mahima shukla
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
Sandeep Mishra
#डॉ अरूण कुमार शास्त्री
#डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भर लो नयनों में नीर
भर लो नयनों में नीर
Arti Bhadauria
बे-ख़ुद
बे-ख़ुद
Shyam Sundar Subramanian
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Loading...