माँ शारदे
माँ भारती को नमन, माँ शारदे ऐसे उद्गार दो!
“जन मन गण “की अभिव्यंजना को उद्धार दो !!
सरस्वती के साधको,अब लेखनी को नवधार दो!
लिख चुके प्रणय गीत, तुम वीर रस पर सब वार दो!!
स्वतंत्रता शिशु से नव यौवन हुई उसे अब श्रृंगार दो !
टैगोर,शरत, बिस्मिल हुए साहित्य को नव फुहार दो !!
विज्ञान की ऊचइयां -विश्व में स्थपित कर चुके अब हम!
श्रम साधको-वीर भारती हो तुम, दुश्मनो पर प्रहार दो!!
माँ भारती को नमन, माँ शारदे ऐसे उद्गार दो!
“जन मन गण “की अभिव्यंजना को उद्धार दो !!
बोधिसत्व कस्तूरिया अधिवक्ता कवि पत्रकार 202 नीरव निकुंज पीएच 2 सिकंदरा आगरा, -282007 मोबाइल 9412443093