*विद्या विनय के साथ हो, माँ शारदे वर दो*
विद्या विनय के साथ हो, माँ शारदे वर दो
(सरस्वती वंदना गीत )
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विद्या विनय के साथ हो ,माँ शारदे वर दो
( 1 )
ज्ञान वह देना हमें ,जो ले सुपथ पर जा सके
लोकहित की भावना आकार जिसमें पा सके
सुरभित समन्वय भाव से मन-गंध को कर दो
( 2 )
और कुछ दो या नहीं ,संतोष-धन पाते रहें
हर परिस्थिति में खुशी के, गीत हम गाते रहें
प्रतिकूलता में शक्तिमय ,संघर्ष से भर दो
( 3 )
पद प्रतिष्ठा और धन से आपसी सद्भाव हो
जो मलिनता से मिले ,कोई न उसका चाव हो
तेजस्विता से हो भरा ,वह उच्चतम स्वर दो
विद्या विनय के साथ हो ,माँ शारदे वर दो
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451