माँ मेरी
बे’बसी हाय ! ये मजबूरी सी ,
किस क़दर फ़ासला ये दूरी सी ।
सबके होते भी माँ मेरी ।
ज़िंदगी बिन तेरे अधूरी सी ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
बे’बसी हाय ! ये मजबूरी सी ,
किस क़दर फ़ासला ये दूरी सी ।
सबके होते भी माँ मेरी ।
ज़िंदगी बिन तेरे अधूरी सी ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद