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9 Mar 2017 · 1 min read

माँ मत ला आँखों में पानी

हे भारती!
क्यों होती है उदास
हम पूतों पर रख विश्वास
नहीं लुटेगा शीश का ताज़
बची रहेगी तेरी लाज
कर दूँगा न्योछावर तुझपे
अपना तन-मन और जवानी,
माँ! मत ला आँखों में पानी!!

है शोणितों में उबाल वही
जीवित हैं तेरे लाल अभी
हर पीड़ा झेलेंगे हँसकर
आँच न आने देंगे तुम पर
कोटि-कोटि पूर्वजों की
व्यर्थ नहीं होगी बलिदानी,
माँ! मत ला आँखों में पानी!!

जब तक होगा सांसों में दम
डटे रहेंगे हर पल हम
निःसंदेह तू दे आशीष
नहीं झुकेगा तेरा शीश
युगों-युगों तक रहेगा अंकित
हम लिखेंगे वह अमर कहानी,
माँ! मत ला आँखों में पानी!!

चहुँ ओर होगी खुशहाली
अमिट रहेगी यह हरियाली
सुख-समृद्धि का भंडार
सदैव रहेगा तेरे द्वार
तेरी कीर्ति से महकेगा जग
तू बनी रहेगी वसुधा की रानी,
माँ! मत ला आंखों में पानी!!

Language: Hindi
1 Like · 271 Views
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