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18 Oct 2020 · 1 min read

माँ ब्रह्मचारिणी

आदिशक्ति का द्वितीय स्वरूप
ब्रह्मचारिणी कहलाये,
तपश्चारिणी, उमा,अपर्णा
नाम भी इनके जाने जाये।
कठिन तपस्या के बल पर
भोलेनाथ को पायीं,
तप के कारण तेजपुंज
मां को मुख पे सुहाए।
अक्षमाला और लिए कमंडल
अद्भुत रूप सुहाए,
लक्ष्य प्राप्ति का सतत परिश्रम
माँ के मन को भाये।
तप,त्याग, सदाचार, संयम,वैराग्य का
आशीर्वाद लुटाए,
झोली उसकी रहे न खाली
जो माँ के शरण में आये।
?सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
2 Likes · 518 Views
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