*माँ बाप का साया जब सर से उठ जाता है*
कौन कहता है माँ बाप भगवान नहीं !
बच्चे के लिए भगवान से कम भी नहीं !!
माँ बाप का साया जब सर से उठ जाता है !
हर अपना कहने वाला ग़ैर नज़र आता है !!
कोई भी हाथ मदद को आगे नहीं आता है !
फूल सा बच्चा सबके लिए बोझ बन जाता है !!
माँ बाप का साया जब सर से उठ जाता है !
चारों तरफ बस अँधेरा ही नजर आता है !!
भीड़ भरी दुनिया में सन्नाटा पसर जाता है !
कतरे कतरे को बच्चा मोहताज बन जाता है !!
माँ बाप का साया जब सर से उठ जाता है !
बच्चे का तो मानो भाग्य ही रूठ जाता है !!
कोई भी जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहता है !
माँ बाप बिना तो संसार ही उजड़ जाता है !!