Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2018 · 1 min read

माँ पर दोहे ( साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता )

साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता

विषय-माँ
विधा-दोहा

माँ तो पूरा है जगत, ना है केवल शब्द |
वेद मन्त्र की हर त्र-ृचा, यहाँ होय निःशब्द ||

हमको देती जन्म वो, करके सुख बलिदान |
ऐसी माँ के चरण में, पूरा जग कुर्बान ||

घर रहकर चिन्ता करे, भला रहे मम लाल |
मुसीबतों में वह दुआ, बन जाती है ढाल ||

खुद हमसे ज़्यादा हमें, करती है वो प्यार |
दुनिया में सबसे बड़ा, ममता का आगार ||

तजकर अपने स्वप्न सब, दीन्हा हमको जन्म |
उसी त्याग के सामने, छोटे हैं सब कर्म ||

खुद भूखी रहती मगर, भरे हमारा पेट |
उसका बल हर विपति में, बने हमारा खेट ||

माँ के आँचल से घनी, ना है कोई छाँव |
दुनिया उलझन से भरी, माँ सुहावना गाँव ||

बस माँ की गोदी भली, बाकी सब बेकार |
माँ ममता की है धनी, निर्धन है संसार ||

– प्रियंका प्रजापति
ग्वालियर, मध्यप्रदेश

Language: Hindi
162 Likes · 50 Comments · 2184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उत्थान राष्ट्र का
उत्थान राष्ट्र का
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
तुम्हारी मुस्कराहट
तुम्हारी मुस्कराहट
हिमांशु Kulshrestha
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
Rj Anand Prajapati
स्वागत बा श्री मान
स्वागत बा श्री मान
आकाश महेशपुरी
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
शेखर सिंह
सबसे कम
सबसे कम
©️ दामिनी नारायण सिंह
**दुल्हन नई नवेली है**
**दुल्हन नई नवेली है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*संतान सप्तमी*
*संतान सप्तमी*
Shashi kala vyas
सड़क
सड़क
SHAMA PARVEEN
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
Ajit Kumar "Karn"
— कैसा बुजुर्ग —
— कैसा बुजुर्ग —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते
छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते
sushil sarna
शरद काल
शरद काल
Ratan Kirtaniya
"इम्तहान"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं उम्मीद ही नहीं रखता हूँ
मैं उम्मीद ही नहीं रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
4371.*पूर्णिका*
4371.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी हक़
कभी हक़
Dr fauzia Naseem shad
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
Umender kumar
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मृगनयनी
मृगनयनी
Kumud Srivastava
*पहचान* – अहोभाग्य
*पहचान* – अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#लंबी_कविता (तवील नज़्म)-
#लंबी_कविता (तवील नज़्म)-
*प्रणय*
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
Be careful who you build with,
Be careful who you build with,
पूर्वार्थ
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
"हिचकी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
Loading...