माँ ने मुझे सिखाया ये कि..
माँ ने मुझे सिखाया ये कि..
बिन विद्या के ग्रहण किए..
जीवन है उस पुष्प समान।
जो सुंदरता से है भरपूर,
पर सुगंध से वंचित है जान।
जीवन एक ऐसा मार्ग कठिन है..
तय तो करना ही पड़ेगा तुम्हें।
खुशियां यूँही नहीं गिरती झोली में,
होगी पुरुषार्थ से ही हांसिल तुम्हें।
जीवन है एक रणभूमि भी..
युद्ध भी करना पड़ता यहाँ।
पीछे हट की सोचो ही मत,
लड़ो हक की लड़ाई यहाँ।
तुम साथ हंमेशा सच का देना..
डर कर चुप रहना न कभी,
जीत तुम्हारी ही होगी..क्यों कि,
हिम्मत ही तुम्हारी असली निधी।
– अरुणा कपूर , नई दिल्ली।