माँ नियति है
” माँ नियति है ”
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माँ गीता…
माँ कुरान है !
माँ आन-बान
और शान है |
माँ ममता है
माँ त्याग है !
माँ बच्चों का
भाग है |
माँ कर्म है….
माँ मर्म है !
माँ इंसां का
धर्म है |
माँ शक्ति है
माँ भक्ति है !
माँ ही सुन्दर
आसशक्ति है |
माँ नीर है
माँ पीर है !
माँ ही सबकी
तकदीर है |
माँ सावन है
माँ पावन है !
माँ ही तो…..
मन-भावन है |
माँ काया है
माँ माया है !
माँ बनती हरपल
साया है |
माँ जननी है
माँ भरणी है !
माँ ही बहती
वैतरणी है |
माँ वारि है
माँ न्यारी है !
माँ ही सुन्दर
फुलवारी है |
माँ पूजा है
माँ मन्नत है !
माँ धरती पर
जन्नत है |
माँ सुबह है
माँ शाम है !
माँ हर दर्द की
बाम है |
माँ भूत है
माँ आज है !
माँ खुशियों का
आगाज है |
माँ साज है
माँ आवाज है !
माँ ही उन्नत
परवाज है |
माँ चंदन है
माँ वंदन है !
माँ ही तो…
अभिनंदन है |
माँ वीर है
माँ धीर है !
माँ ममता की
तस्वीर है |
माँ वेद है
माँ पुराण है !
माँ सद्गुण की
खान है |
माँ अक्षर है
माँ ज्ञान है |
माँ ही तो…..
विज्ञान है |
माँ आस्था है
माँ विश्वास है !
माँ रहती नित्य
खास है |
माँ नि:स्वार्थ है
माँ निश्छल है !
माँ रहती संग में
पल-पल है |
माँ ओस है
माँ कोष है !
माँ ही तो
संतोष है !
माँ प्रेम है
माँ करूणा है !
माँ ही बनती
अरूणा है |
माँ दृष्टि है
माँ सृष्टि है !
माँ ही स्नेहिल
वृष्टि है |
माँ गीत है
माँ प्रीत है
माँ ही…..
जीवन-संगीत है |
माँ व्यष्टि है
माँ समष्टि है !
माँ सारभूत…..
अभिव्यक्ति है |
माँ बगिया है
माँ क्यारी है !
माँ ही…….
नव-संचारी है |
माँ नियति है
माँ सम्पूर्णा है !
माँ ही तो…..
अन्नपूर्णा है |
माँ प्रकृति है
माँ सर्जना है !
माँ ही “दीप” की
सृजना है ||
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— डॉ० प्रदीप कुमार “दीप”