Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2018 · 1 min read

माँ- दुनिया का तुझमे प्यार नज़र आता है।

– माँ –
सारी दुनिया का तुझमें प्यार नज़र आता है।
मुझे तो तुझमें ही संसार नज़र आता है।
तू ही तो है वो जिससे दुनिया नज़र आती है,
सब कुछ बिन तेरे बेकार नज़र आता है।।

तू ही मोती है, तू ही खान हीरे-सोने की।
तू ही सूरत है एक बच्चे के खिलौने की।
तेरा ही हाँथ सबके माथे पर रखा है माँ,
तेरा चेहरा मुझे हर बार नज़र आता है।।

तू ही वात्सल्य, तू ही प्रेममय समर्पण है।
दया की मूरत, विशाल मन का दर्पण है।
तेरी सूरत किसी से भी नही तुल सकती माँ,
झुर्रियों में तेरा चेहरा सदाबहार नज़र आता है।

तेरी निर्धनता ही तो सबसे बड़ा धन है माँ ।
जिससे पाला है तूने मेरा ये जीवन है माँ ।
न जाने लोग तुझको कैसे छोड़ देते है,
मुझे तो अब भी वो दुलार नज़र आता है।

सारी दुनिया का तुझमे प्यार नज़र आता है।।

#प्रभात_पटेल_पथिक

6 Likes · 24 Comments · 416 Views

You may also like these posts

मामीजी ।
मामीजी ।
Kanchan Alok Malu
- तमन्ना करो -
- तमन्ना करो -
bharat gehlot
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
यक्षिणी- 25
यक्षिणी- 25
Dr MusafiR BaithA
कितनी    बेचैनियां    सताती    हैं,
कितनी बेचैनियां सताती हैं,
Dr fauzia Naseem shad
हौसला रखो
हौसला रखो
Dr. Rajeev Jain
#एक_स्तुति
#एक_स्तुति
*प्रणय*
मेरी खामोशी का
मेरी खामोशी का
Nitu Sah
लौट आओ तो सही
लौट आओ तो सही
मनोज कर्ण
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
शीत ऋतु
शीत ऋतु
surenderpal vaidya
*मौन*
*मौन*
Priyank Upadhyay
कुछ पाने की कोशिश में
कुछ पाने की कोशिश में
Surinder blackpen
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
Acharya Shilak Ram
अब न तुमसे बात होगी...
अब न तुमसे बात होगी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जुते की पुकार
जुते की पुकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
Sonam Puneet Dubey
चलते चलते
चलते चलते
ruby kumari
साधिये
साधिये
Dr.Pratibha Prakash
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
बीते दिनों का करवा चौथ
बीते दिनों का करवा चौथ
Sudhir srivastava
जीवन संगिनी
जीवन संगिनी
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
नारी
नारी
Ruchi Sharma
चेहरे ही चेहरे
चेहरे ही चेहरे
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बदला हूं मैं
बदला हूं मैं
Sumangal Singh Sikarwar
सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है
सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है
Ranjeet kumar patre
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
Ravi Prakash
4640.*पूर्णिका*
4640.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...