माँ तो माँ होती है।
अपनी कोख से जो जन्म देती है
हजारों कष्ट सहकर भी हमें सुख देती है
माँ तो माँ होती है।
बचपन में जो मल तक धोती है
खुद भूखी ही सो जाती, हमें भरपेट खिलाती है
माँ तो माँ होती है।
चाहें बेटा कितना ही बड़ा क्यों ना हो
क्या तूने रोटी खाई, ये पूछने वाली सिर्फ माँ होती है
माँ तो माँ होती है।
अगर कोई कहें, माँ क्या होती है
तो जिसके माँ नहीं उससे पूछो,क्योंकि
माँ तो माँ होती है।
कमलेश कुमार कस्वां
ढंढेला,नोहर