माँ जसाला
माँ(जसाला)
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1
माँ
तेरे
बिना है
सूना सूना
सारा जहान
ढूँढता हूँ तुम्हें
जमीन से आसमां
2
खो
गई
हो तुम
हवाओं में
किन राहों में
काली घटाओं में
किसकी पनाहों में
3
माँ
तुम
प्रथम
पाठशाला
निज संतति
चरित्र निर्माण
संस्कृति संस्कार की
4
हो
गंग सी
पावन
पाक साफ
निर्मल स्वच्छ
कट जाएं पाप
हो दर्शनाभिलाषी
5
माँ
तुम
हो त्याग
परित्याग
समर्पण की
जिन्दा जागती सी
मातृत्व प्रकाश की
6
माँ
घर
कुटुंब
परिवार
चलायमान
तुम ही तो वो हो
दृढ आधार स्तम्भ
7
माँ
सदा
रहेगा
तेरा नाम
ब्रह्मांड
सृष्टि दृष्टि में
अमर अजर
जब तक हैं जहाँ
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)