Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2023 · 1 min read

माँ क्या होती है

माँ क्या होती है
*** *** ***

किसी ने पूछा मुझसे माँ क्या होती है
मैंने कहा मुझे पता नहीं क्या होती है
जो मैंने जाना और समझा है अब तक
अगर समझ सके तो सुन और फिर गुण !!

परिवर्तन की जिसमे ज्वाला होती है
धरा में प्रकृति की पुष्प माला होती है
एक मात्र सर्वशक्ति इस कायनात की
सबके लिए अमृत का प्याला होती है !!

निराशा को आशा में,
आशा को विश्वाश में,
विश्वाश को श्रेष्ठ में,
श्रेष्ठ को परिवेश में,
परिवेश को भाषा में,
भाषा को परिभाषा में,
परिभाषा सन्देश में,
सन्देश को आदेश में,
आदेश को आशीर्वाद में,
आशीर्वाद को प्रेम में,
प्रेम को सत्यता में,
सत्यता को ईश्वर में,
ईश्वर को बचपन में,
बचपन को अपने में,
अपने को परिवार में,
परिवार को दुनिया में,
दुनिया को सृष्टि में,
सृष्टि को प्रत्याशा में,
प्रत्याशा को आशा में
जो बदल सकती है
वो माँ होती है……!!

जिसमे परिवर्तन की क्षमता होती है,
जिसके ह्रदय में मात्र ममता होती है
भगवान् भी तरसते जिसके प्रेम को
वो सिर्फ और सिर्फ एक माता होती है !!
!
स्वरचित : डी के निवातिया

Language: Hindi
204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डी. के. निवातिया
View all
You may also like:
कभी मैं सोचता था कि एक अच्छा इंसान बनना चाहिए तो दुनिया भी अ
कभी मैं सोचता था कि एक अच्छा इंसान बनना चाहिए तो दुनिया भी अ
Jitendra kumar
हकीकत को समझो।
हकीकत को समझो।
पूर्वार्थ
4343.*पूर्णिका*
4343.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हरि हृदय को हरा करें,
हरि हृदय को हरा करें,
sushil sarna
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
नेताम आर सी
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरी कलम आग उगलेगी...
मेरी कलम आग उगलेगी...
Ajit Kumar "Karn"
खेल
खेल
*प्रणय*
पनघट
पनघट
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
वैनिटी बैग
वैनिटी बैग
Awadhesh Singh
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद
Shyam Sundar Subramanian
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
सत्य कुमार प्रेमी
जहन का हिस्सा..
जहन का हिस्सा..
शिवम "सहज"
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
Phool gufran
लिट्टी छोला
लिट्टी छोला
आकाश महेशपुरी
"अपेक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
Manisha Manjari
*प्रेम की रेल कभी भी रुकती नहीं*
*प्रेम की रेल कभी भी रुकती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ସେହି ଲୋକମାନେ
ସେହି ଲୋକମାନେ
Otteri Selvakumar
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
Neelofar Khan
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पावस
पावस
लक्ष्मी सिंह
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरे हक़ में
तेरे हक़ में
Dr fauzia Naseem shad
मैं हूं ना
मैं हूं ना
Sunil Maheshwari
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
डॉ. शिव लहरी
Loading...