माँ को नही चाहिए सहानुभूति
मत करो माँ की पूजा
मत ले जाओ माँ को तीर्थ यात्रा पर
मत धोओ माँ के पैर
मत रखो माँ से सहानुभूति
माँ को तो बस अपने साथ रखो
मान सम्मान से प्यार करो
उनके साथ बैठ कर बात करो
माँ पर न कहानी लिखो, न उपन्यास
मत भेजो उसे वॄध्दाश्रम में
उसे अपने हाथ से कौर खिलाओ
बीमारी में माँ का इलाज करवाओ
माँ की सेवा ही देव पूजा है
जिंदगीभर माँ ने बस दिया है तुम्हे
अब तो थोडा लौटाओ उसे
आशीर्वाद लो भरपूर माँ का
जीते जी बना लो माँ को दिल से अपना
नहीं रह जाऐगा कुछ भी
जाने के बाद माँ के दुनियां से
लेखक :संतोष श्रीवास्तव, बी 33 रिषी नगर , ई 8 एक्स टेंशन बाबडिया कलां ,भोपाल 462039 ,मध्य प्रदेश
मोबाइल 09993372409