“” *माँ के चरणों में स्वर्ग* “”
“” माँ के चरणों में स्वर्ग “”
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माँ,
के श्रीचरणों में ,
बसता है मेरा स्वर्ग !
चला माँ की नित्य पूजा करता….,
और होता चला गया मेरा उत्कर्ष !! 1 !!
माँ ,
है मेरी सद्प्रेरणा ,
और है मेरा आदर्श !
चला माँ की नित्य सेवा करता…..,
और पाता चला गया सदा ही हर्ष !! 2 !!
माँ ,
है अनंत आसमां ,
मेरी ख्वाहिशों, तमन्नाओं का !
चला मन व्योम पे परवाज़ भरता….,
और स्वनिल इंद्रधनुष खिलाए रचाता !! 3 !!
माँ ,
के आँचल में ,
खुशीयाँ आनंद प्रेम भरा पाया !
चला हर्षित गर्व से भरा यहाँ पे…..,
और उत्तुँग शिखर जीवन का छू पाया !! 4 !!
माँ ,
की ममतामयी छाँवमें ,
लिया बैठके आनंद भरपूर !
चला शुभानन पे लिए प्रेम मुस्कान …,
और जीवन में बढ़ता ही रहा सदा आगे !! 5 !!
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सुनीलानंद
रविवार
12.05.2024
जयपुर ( राजस्थान )