Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

“” *माँ के चरणों में स्वर्ग* “”

“” माँ के चरणों में स्वर्ग “”
**********************

माँ,
के श्रीचरणों में ,
बसता है मेरा स्वर्ग !
चला माँ की नित्य पूजा करता….,
और होता चला गया मेरा उत्कर्ष !! 1 !!

माँ ,
है मेरी सद्प्रेरणा ,
और है मेरा आदर्श !
चला माँ की नित्य सेवा करता…..,
और पाता चला गया सदा ही हर्ष !! 2 !!

माँ ,
है अनंत आसमां ,
मेरी ख्वाहिशों, तमन्नाओं का !
चला मन व्योम पे परवाज़ भरता….,
और स्वनिल इंद्रधनुष खिलाए रचाता !! 3 !!

माँ ,
के आँचल में ,
खुशीयाँ आनंद प्रेम भरा पाया !
चला हर्षित गर्व से भरा यहाँ पे…..,
और उत्तुँग शिखर जीवन का छू पाया !! 4 !!

माँ ,
की ममतामयी छाँवमें ,
लिया बैठके आनंद भरपूर !
चला शुभानन पे लिए प्रेम मुस्कान …,
और जीवन में बढ़ता ही रहा सदा आगे !! 5 !!

¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥

सुनीलानंद
रविवार
12.05.2024
जयपुर ( राजस्थान )

Language: Hindi
141 Views
Books from सुनीलानंद महंत
View all

You may also like these posts

" ध्यान साधना "
Pushpraj Anant
तस्मै श्री गुरवे नमः 🙏🙏
तस्मै श्री गुरवे नमः 🙏🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं सिर्फ उनके लिए लिखता हूं
मैं सिर्फ उनके लिए लिखता हूं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
(वक्त)
(वक्त)
Sangeeta Beniwal
"इंसान और सपना"
Dr. Kishan tandon kranti
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
वक्त जाया नहीं करते
वक्त जाया नहीं करते
RAMESH Kumar
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
उस दर पर कोई नई सी दस्तक हो मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
डॉ. दीपक बवेजा
कैसे कह दूँ....? नींद चैन की सोने दो...!
कैसे कह दूँ....? नींद चैन की सोने दो...!
पंकज परिंदा
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
Vishvendra arya
* आओ ध्यान करें *
* आओ ध्यान करें *
surenderpal vaidya
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*प्रणय*
शिक्षकों को प्रणाम
शिक्षकों को प्रणाम
Seema gupta,Alwar
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ख़िलाफ़ खड़े सिर कुचल दिए, इसान थोड़ी है
ख़िलाफ़ खड़े सिर कुचल दिए, इसान थोड़ी है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
श
Vipin Jain
जिंदगी सभी के लिए एक खुली रंगीन किताब है
जिंदगी सभी के लिए एक खुली रंगीन किताब है
Rituraj shivem verma
अगर प्यार तुम हमसे करोगे
अगर प्यार तुम हमसे करोगे
gurudeenverma198
Contradiction
Contradiction
Shashi Mahajan
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
Kumar lalit
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ जाते है😥😥
पूर्वार्थ
सुविचार
सुविचार
Sunil Maheshwari
चाँद की मोहब्बत
चाँद की मोहब्बत
seema sharma
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
2689.*पूर्णिका*
2689.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर एक हृदय से
हर एक हृदय से
Shweta Soni
*परिस्थिति*
*परिस्थिति*
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...