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15 May 2024 · 1 min read

“” *माँ की ममता* “”

“” माँ की ममता “”
*****************

है
माँ की ममता,
प्रेम अनमोल यहाँ पे !
जिसे मिले यहाँ माँ का प्यार…..,
उसके जाएं सौभाग्य द्वार सभी यहाँ खुलते !! 1 !!

माँ
का प्रेम वातसल्य,
है स्वर्ग से बढ़के !
जिसने किया इसका रसास्वादन यहाँ पे….,
वह धरा पे रहते पाए सभी सुख जन्नत के!! 2 !!

है
माँ का आँचल,
सुखों का भंडार यहाँ पे !
जहाँ आकर भूल जाएं सभी दुःख-दर्द…,
और जाएं डूबते प्रेम अज़स्त्र आनंद सागर में !! 3 !!

माँ
के प्रेम आगे,
हैं नीरस संसार रस !
जिसने पाई माँ की गोदी की छाँव….,
वह है सबसे सुखी जीव इस संसार में !! 4 !!

¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥

सुनीलानंद
मंगलवार,
14 मई, 2024
जयपुर
राजस्थान |

Language: Hindi
102 Views
Books from सुनीलानंद महंत
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