Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2021 · 1 min read

माँ का हाल बेहाल हैं

***माँ का हाल बेहाल हैं ****
***********************

माँ का हाल हुआ बेहाल है,
बेटे बहुओं संग खुशहाल है।

बड़ी दुआओं और मन्नतों से,
जान जोखिम से जन्मे लाल है।

जठराग्नि दिन रात सहकर ही,
कष्ट काटकर ही पाले लाल है।

गीले बिस्तर पर खुद है सोई,
सूखी सेज पर सुलाए लाल है।

भूखी प्यासी रह कर पेट भरा,
तन स्वेद से सींचे प्यारे लाल है।

जीवन की निज पूंजी गंवाकर,
कमाने लायक बनाये लाल हैं।

खुशी खुशी परिवार बसा दिए,
वधुओं के हाथों सौंपे लाल हैं।

एक माँ ने सब बच्चे पाल दिए,
माँ नहीं पलती लाचार लाल हैं।

जमीन,जायदाद मिल बाँट ली,
मंझधार खड़ी माता बदहाल है।

बूढ़ी आँखे सदा ताकती रहती,
कहाँ पर छिपे दुलारे लाल हैं।

मनसीरत माँ ममता मांगता है,
सूखे नैनो को रुलाते लाल हैं।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

अर्द्धानिगयों

Language: Hindi
217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
पूर्वार्थ
What a wonderful night
What a wonderful night
VINOD CHAUHAN
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
Phool gufran
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
बिखरे सपने
बिखरे सपने
Kanchan Khanna
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
Neeraj Naveed
Thinking
Thinking
Neeraj Agarwal
कौन सी जमात में पढ़ती हो तुम मोहल्ले के लड़के बता रहे थे बड़
कौन सी जमात में पढ़ती हो तुम मोहल्ले के लड़के बता रहे थे बड़
Rj Anand Prajapati
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
Neeraj Mishra " नीर "
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
पं अंजू पांडेय अश्रु
पागल हो जनता चली,
पागल हो जनता चली,
sushil sarna
ज़मीर मर गया सब का..और आत्मा सो गयी .....
ज़मीर मर गया सब का..और आत्मा सो गयी .....
shabina. Naaz
प्रारब्ध का सत्य
प्रारब्ध का सत्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"बुरा न मानो होली है"
Dr. Kishan tandon kranti
😊 व्यक्तिगत मत :--
😊 व्यक्तिगत मत :--
*प्रणय*
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
नील पदम् के दोहे
नील पदम् के दोहे
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
Ranjeet kumar patre
4501.*पूर्णिका*
4501.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
Sunil Maheshwari
*जाते हैं जग से सभी, राजा-रंक समान (कुंडलिया)*
*जाते हैं जग से सभी, राजा-रंक समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
Ravikesh Jha
मन के विकार साफ कर मनाओ दिवाली।
मन के विकार साफ कर मनाओ दिवाली।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मेरी कलम आग उगलेगी...
मेरी कलम आग उगलेगी...
Ajit Kumar "Karn"
Loading...