माँ का प्यार
माँ का प्यार
दुनियाँ आज मना रही
त्यौहार प्यार का माँ।
पर मेरा प्यार तो आप थी,
जो जताया नही मैंने कभी।
पर तेरे जाने से बहुत,
अकेली हो गयी हूँ माँ।।
तुम्हारी वो प्यार भरी बातें,
बहुत याद आती है माँ।
तुम बिन जीवन सुना से लगता है।
अपना न कोई ऐसा लगता है।।
तुम बिन होली फीकी
तुम बिन दीवाली फीकी
तुम बिन राखी, भाई दोज
भी नाम के लगते है।
तुम बिन मायके के त्यौहार
बेनूर लगते है
थी चमक तुम से परिवार की।
थी रोशन तूम से घरवार की।
हो सके तो लौट के आ जाओ माँ।
बेटी बहुत अकेली तुम्हारी माँ।।
संध्या चतुर्वेदी
मथुरा ,उप