Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2024 · 1 min read

*”माँ कात्यायनी’*

“माँ कात्यायनी’

बुराइयों का शमन करती ,वीर योद्धा देवी जगत को परम सुख दायिनी।
ऋषि कात्यायन ने पार्वती उपासना कर,
चैत्र शुक्ल षष्ठी माँ कात्यायनी पुत्री रूप प्रदायिनी।

अनुपम आलौकिक स्वर्णिम आभा मुख मंडल ,
रत्नाभूषण शोभित लाल वस्त्र धारिणी।
कृष्ण को पति रूप पाने ब्रजमंडल की गोपियाँ अधिष्ठात्री देवी पूजन करती सुखदायिनी।

अभय मुद्राओं में चार भुजाओं वाली ,
हस्त कमल पुष्प पद्मवासिनी।
गोधूली बेला में करे आराधना ,
आज्ञा चक्र साधना अंतर्मन शक्ति संचारिणी।
धूप दीप नैवेध पान सुपाड़ी ध्वजा नारियल ,
लाल चुनरिया गुड़हल पुष्प सोलह श्रृंगार सिंहवाहिनी।

रोग शोक संताप हरती ,महिषासुर
मर्दनी असुर संहार जग तारिणी।
क्रोधाग्नि रौद्र रूप धारण कर ,दैत्यों का संहार वधकारिणी।
मस्तक पे अर्ध चन्द्रकांति मुकुट शोभित अर्धनारीश्वर शिव शक्ति वरदायिनी।

शशिकला व्यास शिल्पी✍️✨🌟🌹🚩🙏

211 Views

You may also like these posts

I lose myself in your love,
I lose myself in your love,
Shweta Chanda
चुनौतियाँ शहरों की
चुनौतियाँ शहरों की
Chitra Bisht
रोना ना तुम।
रोना ना तुम।
Taj Mohammad
लेकिन क्यों
लेकिन क्यों
Dinesh Kumar Gangwar
. मत देना पंख
. मत देना पंख
Shweta Soni
प्रणय गीत...
प्रणय गीत...
हिमांशु Kulshrestha
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
रामसापीर
रामसापीर
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गुमान
गुमान
Ashwani Kumar Jaiswal
" आराधक "
DrLakshman Jha Parimal
प्रेम
प्रेम
Pratibha Pandey
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*वो मेरी मांँ है*
*वो मेरी मांँ है*
Dushyant Kumar
अब हर्ज़ क्या है पास आने में
अब हर्ज़ क्या है पास आने में
Ajay Mishra
DR Arun Kumar shastri
DR Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
4500.*पूर्णिका*
4500.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
"अमृत महोत्सव"
राकेश चौरसिया
मैं बसंत
मैं बसंत
Meenakshi Bhatnagar
ये फुर्कत का आलम भी देखिए,
ये फुर्कत का आलम भी देखिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
अफवाह
अफवाह
Sudhir srivastava
रेत पर मकान बना ही नही
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
🙅 *नाप-तोल ज़रूरी* 🙅
🙅 *नाप-तोल ज़रूरी* 🙅
*प्रणय*
कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता
कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता
अंसार एटवी
Loading...