माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
अम्बे मेरा तन मन तुमसे, शेष भला क्या कहने को,
शक्ति तुम प्रकृति तुम, मां तुम ही प्राणाधार हो,
सर पर हाथ, मेरे रखो, शरण में अपनी जीने दो,
जय माता की
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
अम्बे मेरा तन मन तुमसे, शेष भला क्या कहने को,
शक्ति तुम प्रकृति तुम, मां तुम ही प्राणाधार हो,
सर पर हाथ, मेरे रखो, शरण में अपनी जीने दो,
जय माता की