Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

घर का बड़ा हूँ मैं

माँ कहती है संभल जा, क्योंकि घर का बड़ा हूं मैं।
जिम्मेदारियां हैं, घर का बड़ा हूं मैं।
सारी छूट है मुझको, और ज़िद पर अड़ा हूं मैं।
तुम कहते हो पाबंद रहो समय के,
कसूर खैर तुम्हारा भी नहीं, जिंदगी पर भी लाश-सा पड़ा हूँ मैं‌।
ए जिंदगी! दया आती नहीं तुझको भी क्या?
दोस्त, सफर-ए-राही, दिलबरी, सभी को इतना चुभा हूँ मैं !

मांगने पर जब भी तुम आए,
हमसे हम ही को लेकर चले गए।
अब बचा कुछ भी नहीं,
खाली हाथ खड़ा हूँ मैं।।

रश्क,अश्क,वश्क,इश्क-विश्क,
नहीं इजाज़त वज़ूद को मेरे!
इतना ग़ैर – गुज़रा हूँ मैं?
यानि कहकर बतलाऊँ, कि मर चुका हूँ मैं।।

मतलब जिसका जब निकल गया,
पल्ला झाड़ कर, हाथ छोड़कर,
राही बन वह निकल गया।
अब राह पर मज़ीद अकेला खड़ा हूं मैं।
औ’ जिंदगी!!!
कुछ तो शर्म कर, थोड़ा तो रहम खा,
घर का बड़ा हूं मैं…!
– ‘कीर्ति’

Language: Hindi
39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नींव_ही_कमजोर_पड़_रही_है_गृहस्थी_की___
नींव_ही_कमजोर_पड़_रही_है_गृहस्थी_की___
पूर्वार्थ
3668.💐 *पूर्णिका* 💐
3668.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दिन ढले तो ढले
दिन ढले तो ढले
Dr.Pratibha Prakash
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
***** शिकवा  शिकायत नहीं ****
***** शिकवा शिकायत नहीं ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*स्मृति: रामपुर के वरिष्ठ कवि श्री उग्रसेन विनम्र जी के दो प
*स्मृति: रामपुर के वरिष्ठ कवि श्री उग्रसेन विनम्र जी के दो प
Ravi Prakash
एक संदेश युवाओं के लिए
एक संदेश युवाओं के लिए
Sunil Maheshwari
घनाक्षरी
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
अन्तस की हर बात का,
अन्तस की हर बात का,
sushil sarna
दिल की बातें
दिल की बातें
Ritu Asooja
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सपने
सपने
Santosh Shrivastava
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
"चल मुसाफिर"
Dr. Kishan tandon kranti
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
*चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂
*चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂
Dr. Vaishali Verma
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
Rj Anand Prajapati
*चाल*
*चाल*
Harminder Kaur
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश-7🍁🍁
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश-7🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
घनघोर कृतघ्नता के इस
घनघोर कृतघ्नता के इस
*प्रणय*
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
Phool gufran
कैसे कह दूँ ?
कैसे कह दूँ ?
Buddha Prakash
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
Shweta Soni
जीवन का किसी रूप में
जीवन का किसी रूप में
Dr fauzia Naseem shad
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
Loading...