माँ अम्बे
“मदद करो हे माँ आंबे ,ध्यान धरु तेरा आंबे
शेरावाली माँ आंबे ,मेरी भी सुन तू आंबे
संघर्षरत रही हूँ मै , गिरकर उठना सीखी मै
नितदिन आंसू पीकरके ,तूफानों से लड़ी हूँ मैं
जब जब घिरी मै संकट में ,तेरा मैंने ध्यान धरा
बाधाओं से लड़ने का ,तूने मुझे आधार दिया
मेरी खंडित आशाओं को ,तूने है आकार दिया
राह अकेले चल दी मैं ,बस तेरी मैंने आस धरी
घोर अँधेरे जग में मैंने , बस तुझ पर ही विश्वास धरा
कोई साथ न जब था मेरे ,तूने मेरा साथ दिया
हर मुश्किल से हर कठिनाई से ,तूने मुझको वार दिया
बस इतनी विनती है तुमसे ,मुझपर अब दया करो
जीवन की कठिन परीक्षा से ,अब छुटकारा दो मुझको
जीवन की नावँ चलाने वाली ,मेरी नैया पर लगा
शेरावाली माँ आंबे ,मेरी अर्जी मान भी जा ”
पूजा सिंह