माँ?
चाहें कितनी भी दूर हो हम,साथ तेरा न छूटे माँ,
रिश्ता है ये दिल से दिल का,आस कभी न टूटे माँ,
मामृत्व का भंडार हो तुम,तेरी ममता कभी न रूठे माँ,
अपने सभी बच्चों को हरदम,समान भाव से देखे माँ,
बच्चे दौलत होते माँ की,दौलत में बच्चों को न तोले माँ,
दुनिया दे कितने भी आंसू, बच्चों को कभी न रुलाये माँ,
शूल बिछे हों पग पग पर,पर फूलों की राह बनाये माँ,
कितने भी हों जख्म हमारे,जख्मों पर मरहम लगाये माँ,
खुद भूखी रह जाए चाहें, बच्चों का पेट भराये माँ,
माँ के प्यारे से आँचल में,बच्चा चैन की नींद सो जाए माँ।।
By:Dr Swati Gupta