Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2020 · 3 min read

माँ।। क्या लिखूँ मैं आपके लिए।

माँ।। क्या लिखूँ मैं आपके लिए।

यूँ तो दुनिया की कोई क़लम या शायर तेरे कारनामों को कागजों में समेत ना सका,
पर चलो एक नाकाम कोशिश मैं भी करता हूँ,आज कुछ अपनी भावनाये अपने माँ के नाम करता हूँ।।
नही पता क्या लिखूंगा मैं आपके लिए ,नही पता क्या लिख पाऊंगा मैं आपके लिए,
चल मैं यही से शुरुआत करता हुँ,की क्या हो आप मेरे लिए।
तो जिन आंखों ने कुछ देखा ना,उन आंखों की पहली दुनिया हो आप,
जिन लबों ने कुछ बोला ना हो,उन लबों के पहले अल्फ़ाज़ हो आप,
शब्दकोश का एक छोटा सा शब्द पर मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी मंज़िल हो आप।।
कहो ना माँ,क्या लिखूं आपके बारे में…
बचपन में बेजुबाँ था मैं पर मेरी हर बात,तकलीफ को समझ लेने वाली ममता की नई तकनीक हो आप,
बोलो ना माँ,क्या लिखूं आपके बारे में…
याद आती है मुझे वो धुंधली यादें जब मैं अपनी शैतानियो में मशगूल हुआ करता था,
पापा की डाँट से आप ही तो बचाती थी,कैसे मेरे सारे शैतानियो को अपने नाम कर जाती थी,
आप ही तो थी जो पूरी दुनिया से मेरी गलतियों के बाद भी लड़ जाती थी।
कहो ना माँ,क्या लिखू आपके बारे में…
याद आता है मुझे जब मैं अपनी ही गलतियों की सज़ा पर आपसे नाराज़ हो जाता था,
अपनी असफलताओं पर मिले पिता की डाँट पर मैं आपसे बात नहीं कर पाता था
तब आपही तो थे जो अपने इस लाल की नाराज़गी को चंद पलो में दूर कर जाते थे,
जब भी फेरते थे हाथ अपनी गोद में मेरे सिर को लेके
क्या बताऊ मैं माँ उस पल के बाद मैं सारी दुनिया भूल जाता था,
बोलो ना माँ ,क्या लिखू आपके बारे में…

मां आपने बचपन से अब तक हज़ार तोहफ़े दिए मेरी जिन्दगानी को,
पर आज मन आपसे शिकायतों का है..
पता है आपको आज मैं रोया हूँ,
क्योकि आपकी दी हुई दुनिया मैं आप बिन अकेला हूँ,
आपने दुनिया की रीत से मुझे वाकिफ़ तो कराया,
पर इस दुनिया के मेले में मैं कही खो गया हूँ,
आपको ढूंढता हूँ मैं हर जगह,पर सपनो में आपकी आवाज़ ही आती है आप नही आती,
सोचता हूँ दौड़ कर आपके पास आ जाऊँ,रख लू आपके गोद में अपना सिर और जहाँ को भूल जाऊँ,
पर फिर मुझे पिता की परवरिश औऱ आपके दिए संस्कार याद आते है,
की करनी है फ़तह मुझे दुनिया को आप दोनों के लिए।
आपका दुलार ममता मुझे आपके पास बुलाते है,पर आपके दिए संस्कार मुझें दुनिया से लड़ने को कह जाते है,
बोलो ना माँ,क्या लिखू आपके बारे…
रातो को जब भी नींद नही आती या फिर दिल अकेले में रोता है,
मुझे याद आपकी बहुत आती है,माँ
एक आप ही तो हो इस सारे जहाँ में जो मेरी सारी गलतियों को माफ कर जाते हो,
बाकी तो छोड़ जाते इस जहां में एक दूसरे को अकेले पर आप हो तो हो जो सपनो में भी अपनी दुवाओं की बरसात कर जाते हो,
सच कहुँ अगर मैं आपके बारे में तो आप मेरी पहली मोहब्बत हो मेरी जिंदगी की जिसमे मेरे नाकाबिल मोहब्बत के बदले में भी बेपनाह-बेपरवाह प्यार मिला।
कहो ना माँ,क्या लिखू आपके बारे में…
चलो यही से शुरुआत करता हु,की आप ऐहसास हो इस जहाँ में मेरे होने की,
करता हूँ तुझसे कितना प्यार ये शब्दों में भले ही बयां ना हो पाया,
पर यक़ीन कर तुझे शब्दो में बयाँ किया ही ना जा सकता,इतनी बड़ी है तेरी शख्शियत की आपको कागजो में समेटा ही ना जा सका।।

चरण स्पर्श,माँ।।
दीपक ‘पटेल’

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
भाव और ऊर्जा
भाव और ऊर्जा
कवि रमेशराज
लफ्जों के जाल में उलझा है दिल मेरा,
लफ्जों के जाल में उलझा है दिल मेरा,
Rituraj shivem verma
महाराजा अग्रसेन, प्राचीन अग्रोहा और अग्रवाल समाज
महाराजा अग्रसेन, प्राचीन अग्रोहा और अग्रवाल समाज
Ravi Prakash
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
किसने किसको क्या कहा,
किसने किसको क्या कहा,
sushil sarna
सिलसिला शायरी से
सिलसिला शायरी से
हिमांशु Kulshrestha
बंधे रहे संस्कारों से।
बंधे रहे संस्कारों से।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
हिंदी हमारी मातृभाषा --
हिंदी हमारी मातृभाषा --
Seema Garg
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
Dr fauzia Naseem shad
शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग
शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग
Neeraj Agarwal
कॉटेज हाउस
कॉटेज हाउस
Otteri Selvakumar
#सन्डे_इज_फण्डे
#सन्डे_इज_फण्डे
*प्रणय*
4004.💐 *पूर्णिका* 💐
4004.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुझे पाने की तलाश में...!
तुझे पाने की तलाश में...!
singh kunwar sarvendra vikram
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
*दर्शन शुल्क*
*दर्शन शुल्क*
Dhirendra Singh
Legal Quote
Legal Quote
GOVIND UIKEY
ख्वाब में देखा जब से
ख्वाब में देखा जब से
Surinder blackpen
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
ईष्र्या
ईष्र्या
Sûrëkhâ
" मानसून "
Dr. Kishan tandon kranti
"" *दिनकर* "'
सुनीलानंद महंत
अंधेरा छंट जाए _ उजाला बंट जाए ।
अंधेरा छंट जाए _ उजाला बंट जाए ।
Rajesh vyas
युवा शक्ति
युवा शक्ति
संजय कुमार संजू
किस्मत का खेल
किस्मत का खेल
manorath maharaj
"एक ही जीवन में
पूर्वार्थ
Loading...