“माँँ” ममतामयी
माँ
सदा याद आती है मुझको,
मधुर याद माता तेरी।
ले गई मेरे जीवन की,
मां सारी खुशियां मेरी।।
रोज सवेरे मना करने पर,
मीठा दूध पिलाती थी।
चूम चूम कर गाल गुलाबी,
लाल लाल कर देती थी।।
रोता था मचलता था,
तू लगा हृदय से लेती थी।
तरह-तरह की मांगे,
मां पूरी कर देती थी।।
तूने मुझको मातृभूमि की,
सेवा का वरदान दिया।
अतिथि देवो भव माना,
सबका सम्मान किया।।
कहे पारस यही कामना है, तेरी यह बगिया फूले फले, तेरे पुनीत भाव सा अविरल दीप जले।।