सब पे ही क़यामत तोड़ी है
सब पे ही क़यामत तोड़ी है
क्या खूब ग़ज़ब ये जोड़ी है
तुम भी उससे बच के रहना
जिसने भी शराफ़त छोड़ी है
कुछ तो अच्छा है इसमें भी
ये दुनिया लाख निगोड़ी है
हाथ न आये उम्र किसी के
सरपट भागे ये घोड़ी है
दुनिया ने उसे सम्मान दिया
जिसने राह कठिन मोड़ी है
शा’इर तो ज़िन्दा है हरदम
शब्दों को मरना थोड़ी है
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