महुआ के पेड़ का गीत
बता सरकार प्रशासन रे, तने कौन ने है भरमाया
दुखिया जो भी आया करता, रोग दूर हो जाया करता
हुई क्या तकरार प्रशासन रे,तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे….
महुये पेड़ की है ये कहानी, बुढिया हो गई पेड़ दिबानी
वो थी बीमार प्रशासन रे, तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे….
ठीक हो करके बापस आई,सब दुनिया को बात बताई
हुआ प्रसार प्रशासन रे,तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे….
चमत्कार बहु खूब हुआ है,जिसने महुआ पेड़ छुआ है
हरे सब दुखड़े सारे रे, तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे….
रोगी कष्टि जो भी आते, रोग दूर सबके हो जाते
हुआ क्या आर प्रशासन रे, तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे…
हिंदू हिंद की दुनिया दीवानी, पत्थर मे है ब्रम्ह भवानी
बसे यहाँ भोले बाबा रे, तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे..
बात सुनी थी तब तू आतो, जब लोगो को दूर भगातो
होता न जंजाल प्रशासन रे, तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे..
धारा ये तू पहले लगाता, इतना दुःख तू सह नही पाता
भूला क्यो यार प्रशासन रे, तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे..
पहले तुमने हमखे मारे, बाद मे तुमखे आड़े डारे
क्यो भूला कर्म प्रशासन रे, तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे..
जो महुये की करते पूजा, “कृष्णा” उनखो का न दूजा
छोड़ दे तकरार प्रशासन रे,तने कौन ने है भरमाया
बता मेरे..
✍ कृष्णकांत गुर्जर धनौरा