महिला हमारी जननी , महिला हमारी पूरक
जैसे किसी बीज को
गोद में धरती सुलाती
पालन पोषण करती
और संबल उसका बनती
सही समय आने पर
उसे वह उठाती
बीज में बसी थी जो दुनिया
धरती उसमें प्राणों की भरणी
धरती सी परिपूर्ण
महिला हमारी जननी
जब धरती की गोद से
पौधा आता बाहर
हवा बन जाती उसकी सहेली
बरसात खेले आंख मिचौली
धूप दिखाती उसको रस्ता
तितली भंवरों की होती होली
रंग बिरंगी दुनिया में
धरती जड़ों को रखती
एक दुनिया है धरती में और
एक बाहर की सूरत
धूप, हवा, धरती पानी
तितली और भंवरों सी
महिला हमारी जननी
महिला हमारी पूरक