महिला दिवस
“एक विवाह ऐसा भी”-
की सभी महिला कलाकारों को महिला दिवस
पर समर्पित——
सृष्टि रचयिता, भक्ति स्वरूपा,
ममता की पावन सरिता
विविध रूप ऐ तेरे वनिता…
“कलावती” का विराट स्वरूप
करुणा को करे प्रतिमूर्त…
“माँ सा” की ममता, स्नेह की शय्या
पार करे सुकोमल भावनाओं की नैया…
समर्पित,अर्पित “सुहासिनी”
आदर-सम्मान की अधिकारिणी…
आहलाद और हो उमंग ही उमंग
जहां हों “सिंदुरा” और “सुमन”…
“नूपुर” की कला का प्रदर्शन
करता सबका उत्साहवर्धन…
“अंतरा”-“संजना” की महिमा
सहज शक्ति की करे अभिव्यंजना…
नारी माँ है, बहन है, पत्नी है, बेटी है-
नारी का स्वरूप ज्योतिर्मय एवं विराट है,
भक्ति-शक्ति स्वरूपा गृह प्रांगण की साक्षात देवी है,