महिला दिवस पर एक व्यंग
महिला दिवस पर एक व्यंग
महिला दिवस मना रहीं पत्नी, पति हो गया मौन ।
पानी तक माँगा नहीं, आज सुनेगा कौन।।
आज सुनेगा कौन, मौन ब्रत धरो आज तुम ।
चौका बर्तन झाड़ू पोछा करो आज तुम ।।
पतियों मानो बात, करो ना आनाकानी ।
वर्ना हफ्तों बंद रहेगा दाना-पानी ।।
कह कश्यप कविराय, हे प्रभो आज बचालो ।
घर में जो मिल जाय उसी से काम चलालो ।।