महिला उत्थान
विषय… महिला उत्थान में डॉ.अम्बेडकर जी का योगदान
विधा …. कविता
दिनांक….18/06/2021
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महिलाओं को बाबा साहेब ने अधिकार दिलाएं थे।
बाबा साहेब ही नारी को आगे लेकर आएं थे।।
सदियों से थी पैर की जूती शोषण हुआ बहुत ज्यादा।
नारी के लिए बाबा साहेब ने मांगा सब में हिस्सा आधा।।
ढोल, गंवार,शूद्र,पशु नारी।
ये सब ताडन के अधिकारी।।
कहकर तुलसी ने नारी अपमान किया।
हिंदू कोड बिल ला बाबा ने नारी को सम्मान दिया।।
दासी प्रथा के नाम पर कभी सती प्रथा लेकर।
नारी का अपमान किया था पैरों की जूती कहकर।।
आज की नारी सबसे आगे दौड़ रही है देखो तो।
हर क्षेत्र में चमक रही है उसकी प्रतिभा देखो तो।।
पी.एम.,सी.एम.,डी.एम.और बनी बैरिस्टर है।
अभिनेत्री,शिक्षिका,पायलेट बनी वो सिस्टर है।।
हर क्षेत्र में दौड़ रही है ,अब पुरूषों से आगे है।
नारी शोषक बोल रहे हैं,हम तो बने अभागे है।।
महिला उत्थान के लिए थी लड़ाई बाबा ने।
फर्स से अर्श तक नारी को पहुंचाया बाबा ने।।
नये भारत की बुनियाद में नारी उत्थान की ईंट रखी।
नारी शोषको ने भीमराव पर कितनी छिटा कसी रखी।।
घबराएं तो कभी नहीं थे “सागर” बाबा अम्बेडकर।
नारी को महारानी बनाकर ही मानें थे अम्बेडकर।।
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मूल रचनाकार
जनकवि/बेखौफ शायर
डॉ.नरेश कुमार “सागर”
9149087291
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित
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