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23 Dec 2020 · 1 min read

महिमा अजब प्रभु श्याम की

सखि देखती छवि श्याम की, मनमीत उस घनश्याम की।
सुख धाम गोकुल ग्राम की, महिमा अजब प्रभु श्याम की।।

यह है कथा जगदीश की, भव व्यक्तना उस ईश की।
सब गोपियां कहती रही, महिमा अनत भवदीश की।।
कर ध्यान पावन नाम की, मनमोहनी ब्रज धाम की।
सुख धाम गोकुल ग्राम की, महिमा अजब प्रभु श्याम की।।

नवनीत हो तुम प्रीत हो, जगदीश तुम मनमीत हो।
तुम गीत हो प्रभु रीत हो, भगवन तमस पर जीत हो।।
तुम ग्वाल गैय्यन की बने, सुख राशि हो हर शाम की।
सुख धाम गोकुल ग्राम की, महिमा अजब प्रभु श्याम की।।

मुरली मनोहर मोक्ष हो, तुम सत्य ही अपरोक्ष हो।
अचला अनादिह नाम तुम, जग में तुम्ही प्रभु चोक्ष हो।।
छवि देखते त्रिपुरेश भी, यशुदा ललन शुभ नाम की।
सुख धाम गोकुल ग्राम की, महिमा अजब प्रभु श्याम की।।

प्रभु भूत-भावन व्याल हो, मनमोहना तुम काल हो।
हरि सूक्ष्म चेतन हो तुम्ही, प्रभु भव्य तुम विकराल हो।।
जड़ चेतना हर भाव में, छवि अह्र हो हर याम की।
सुख धाम गोकुल ग्राम की, महिमा अजब प्रभु श्याम की।।

जगदीश प्राणद प्राण हो, तुम ज्ञान- इन्द्रिय घ्राण हो।
दुख राग द्वेष निदान हो, तुम संत मुनि जन त्राण हो।।
वरते सदा वर आप ही, प्रभु हो नियंत्रण काम की।
सुख धाम गोकुल ग्राम की, महिमा अजब प्रभु श्याम की।।

✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Hindi
Tag: गीत
7 Likes · 4 Comments · 1781 Views
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