महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
नमन
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
लगागा ×6 (पिंगल सूत्र य×6 ) मुक्तक
सहारे नहीं चाह मेरी , जहाँ राह होगी चलेगें |
अँधेरे मिलेगें जहाँ भी , वहीं दीप मेरे जलेगें |
जहाँ बाग देगें बुलावा , वहीं की सुनेगें कहानी –
नजारे सभी देख लेगें, तभी भाव मेरे बनेगें |
हमारा नहीं है इरादा , किसी को यहाँ दें बलाएँ |
कथाएँ पुरानी उखाड़ें , तमाशा नया ही बनाएँ |
झमेले सभी छोड़ आए , जहाँ थे नजारे पुराने –
बनाने सुहानी कहानी , सभी को सही ही बताएँ |
सुभाष सिंघई