महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी एवं नवाब हैदराबाद का एक प्रसंग
भारतीय संस्कृति के चिंतक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
पं मदन मोहन मालवीय महामना बड़े महान थे ,
सूरज से चमकते तेजवान, असाधारण विद्वान थे
उनके अथक प्रयासों से, बीएचयू बन पाया
शिक्षा के लिए महामना ने, दामन अपना फैलाया
संस्कार शिक्षा देने, बीएचयू बननाया
मां भारती की सेवा में, तन मन धन सर्वस्व लगाया
शिक्षा के खातिर उनने, दुनिया भर से दान जुटाया
एक बार
बीएचयू बाबत, नवाब हैदराबाद से दान लिया
हिंदू विश्वविद्यालय के नाम से नबाव ने
अपनी जूती का दान दिया
बड़ी विनम्रता से महामना ने, जूती झोली में ले लीं
लेकर जूती चौराहे पर, नीलम की फिर वोली बोली
भूल सुधारी फिर नवाब ने, आदर से उनको बुलवाया
दिया यथोचित दान, नवाब बहुत शर्माया
महामना के चरणों में, शत शत वंदन अभिनंदन है
ऋणी देश करता है, उनका पुण्य स्मरण है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी