Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2020 · 1 min read

महामंजीर सवैया

महामंजीर सवैया-
मापनी – सगण×8+ लघु गुरु
(1)

नित सैनिक मार रहे अपने
सरकार नहीं उनको सहलाइए।
जग में पहचान रहे अतएव
सुनो डरपोक नहीं कहलाइए।
चुपचाप सभी बदला अब लो
यह वीर धरा सबको बतलाइए।
दिल चाह रहा कुछ तो करिए
मत बोल सुना मन को बहलाइए।।

श्रम सीकर पावन मस्तक चंदन बात सदा यह हैं सब जानते।
करता नित जो श्रम है जग में मजदूर यहाँ उसको सब मानते।
हर किस्मत तो श्रम से बदले यह आस नहीं प्रभु के वरदान ते।
प्रतिदान मिले नहिं मान मिले श्रम साधक के सब दोष बखानते।

डाॅ. बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
1 Comment · 309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
दोयम दर्जे के लोग
दोयम दर्जे के लोग
Sanjay ' शून्य'
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
🌷 चंद अश'आर 🌷
🌷 चंद अश'आर 🌷
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
साल भर पहले
साल भर पहले
ruby kumari
खुद को तलाशना और तराशना
खुद को तलाशना और तराशना
Manoj Mahato
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
Shubham Pandey (S P)
सीधे साधे बोदा से हम नैन लड़ाने वाले लड़के
सीधे साधे बोदा से हम नैन लड़ाने वाले लड़के
कृष्णकांत गुर्जर
दूषित न कर वसुंधरा को
दूषित न कर वसुंधरा को
goutam shaw
सर्जिकल स्ट्राइक
सर्जिकल स्ट्राइक
लक्ष्मी सिंह
■ छोटी सी नज़्म...
■ छोटी सी नज़्म...
*Author प्रणय प्रभात*
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
एक अच्छे मुख्यमंत्री में क्या गुण होने चाहिए ?
एक अच्छे मुख्यमंत्री में क्या गुण होने चाहिए ?
Vandna thakur
किया है तुम्हें कितना याद ?
किया है तुम्हें कितना याद ?
The_dk_poetry
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बादल गरजते और बरसते हैं
बादल गरजते और बरसते हैं
Neeraj Agarwal
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
आईना
आईना
Sûrëkhâ Rãthí
प्यार
प्यार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुछ तो ऐसे हैं कामगार,
कुछ तो ऐसे हैं कामगार,
Satish Srijan
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
//एक सवाल//
//एक सवाल//
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*
*"बसंत पंचमी"*
Shashi kala vyas
ज़िंदगी तेरा हक़
ज़िंदगी तेरा हक़
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
'सरदार' पटेल
'सरदार' पटेल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Loading...