महाभारत का युद्ध
पहले महिलाओं के वस्त्र उतारने पर
हो जाया करता था ‘महाभारत’,
लेकिन आज उल्टा है
आज वस्त्र पहनाने पर
हो जाता है महाभारत।
फ़र्क ये है कि —
पहले एक पुरुष के द्वारा
किया गया स्त्री का अपमान
सहन नहीं कर पाता था
दूसरा पुरुष,
और उसका जगा हुआ पुरुषत्व
दुष्टों का समूल नाश कर देता था।
आज महिलाओं के चीर हरण करने
नहीं आ रहा है कोई दुशासन,
बल्कि वो अपना चीर हरण स्वयं कर रहीं हैं।
अगर ऐसा ही होना उचित है,
तो फ़िर व्यर्थ गया ‘महाभारत का युद्ध’
जिसमें हज़ारों पुरुष
केवल उस कारण से मारे गए,
जो कि आधुनिक महिलाओं के लिए सिर्फ़ फैशन है ।
— सूर्या