महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
संवत् १५३५ बैशाख कृष्ण एकादशी काशी में, महाप्रभु वल्लभाचार्य जी का जन्म हुआ
शुद्धाद़ैत ब़ह्मवाद के आचार्य ने, दुनिया को पुष्टि मार्ग दिया
सारे संसार को भगवत्प़ाप्ति,श्री कृष्ण शरणम् मम मंत्र दिया
गीता उपनिषद ब़हमसूत्र, श्रीमद्भागवत को संयुक्त किया
किया समाज का अभ्युत्थान नि:श्रेयश प्राप्ति का सूत्र दिया
यथाशक्ति स्वधर्म आचरण,विधर्म से बचने का मंत्र दिया
सदा संयमित जीवन जीना, अनुशासन का मंत्र दिया
सभी में श्री कृष्ण का दर्शन, उत्तम जीवन का मार्ग दिया
प़भु इच्छा से जीवन जीना, संतुष्टि का संग दिया
ब़म्ह सूत्र का अणु भाष्य, और वृहद भाष्य लिखा
श्रीमद्भागवत की सुवोधनी टीका, भागवत तत्व दीप निबंध लिखा
गायत्री भाष्य, पत्रावलंवन, पुरषोत्तम सहस्त्र नाम त्रिविध नामावली लिखा
भगवत पीठिका, न्यायदेश, शिक्षा श्लोक,सेवाफल वितरण लिखा
प्रेमामृत दे दिया जगत को,जग ने अमृत पान किया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी