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25 Dec 2020 · 1 min read

महापुरुष अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर…..

एक नाम राजनीति में चमका ऐसे जैसे ध्रुवतारा
विरोधी पक्ष ने भी सहज भाव से जिसे स्वीकारा

देशद्रोहियों के प्रति सदा ही विरोध जताया तीखा
राजनीति के दलदल में खिला वह कमल सरीखा

सुकृत्यों की सुरभि से महकाया राजनैतिक पटल
नाम ही नहीं इरादों से भी था वह मजबूत, अटल

याद में उसकी एक हो हम दीप सद्भावों का बालें
ईर्ष्या नफरत बैरभाव विकार सब मन से निकालें

रहें अटल हम भी अटल से हों न विचलित पथ से
विचार नेक उस युग पुरुष के निज जीवन में ढालें

राष्ट्रदेव की अर्चना में कर दें समर्पित तन-मन-धन
आस्था रख अहिंसा में समाधान शांति का पा लें

दलगत स्वार्थ से ऊपर उठ राष्ट्र- हित की बात करें
विपक्षी का भी मान रखें कीचड़ न किसी पे उछालें

भाषायी विवाद, अलगाववाद बाँट न पाएँ हमको
भारतीयता पर गर्व करें हम, मति-विभ्रम न पालें

नहीं मेरे निज के लिए, देश-समाज-हित जीवन मेरा
यह विचारकर जन-जागृति का बीड़ा चलो उठा लें

रखें निगाहें सदा चौकन्नी वार न कोई करे देश पर
कूटनीति के बल पर अपनी थाह दुश्मन की पा लें

देश एक मंदिर है अपना, हम सब उसके पुजारी हैं
और किसी से हमें क्या, हम बस अपना देश सम्हालें

-डॉ.सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद (उ.प्र.)

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 319 Views
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