महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की
महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की बेटी’ में हास्यास्पद और उनकी अंतिम रचनाओं में से एक ’कफ़न’ में संहारक–भयानक।
महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की बेटी’ में हास्यास्पद और उनकी अंतिम रचनाओं में से एक ’कफ़न’ में संहारक–भयानक।