महात्मा गांधी
2 अक्तूबर 1869 को पैदा हुआ
वो मां पुतलीबाई का दुलारा था
राष्ट्पिता कहलायेगा कभी वो
उस वक्त किसने ये सोचा था ।।
कौन जानता था वो बच्चा एक दिन
कर देगा अंग्रेज़ो को भी यूं चित
हर जगह खड़ा हो जाता था वो
जहां हो रहा हो जनता का अहित।।
अन्याय के खिलाफ लड़ने से शुरुआत की
भय और हिंसा की ना कभी कोई बात की
आज़ादी की लड़ाई भी बिना हथियार की
जिसपर अमल किया हमेशा वो ही बात की ।।
अहिंसा और सत्य की जो ये डगर है
इस राह में ना कुछ अगर मगर है
मुश्किल है चलना इसपर तभी
जो चला था इस पथपर वो महात्मा अमर है ।।
बिना हथियार भी आज़ादी पा सकते है
सादगी से लोगों के विश्वास को जीत सकते है
एक आवाहन पर लोग साथ खड़े हो सकते है
ये सब हम उनके जीवन से सीख सकते है ।।
सिर्फ गांधी जी का नाम ज़ुबां पर नहीं,
उनके विचारों को दिल में उतारने की ज़रूरत है
सत्य और अहिंसा के मूल्य सिर्फ कहने की नहीं
उनको जीवन में अपनाने की ज़रूरत है ।।
जिसने देश को छुड़ाया अंग्रेज़ों के दमन से
जिसने खिलाया ये प्यारा सा चमन है
जिसने हमेशा जीवन मूल्यों को महत्व दिया
उस महात्मा को शत शत नमन है ।।