Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Sep 2024 · 1 min read

महात्मा गांधी– नज़्म।

मैं हिंद की गरिमा हूं मुझमें हिन्द समाया,
पंजाब हो या सिंद मुझमें सब है समाया,
नारा हमेशा मेरा अहिंसा ही रहा है,
सीने में सदा मेरे तिरंगा ही रहा है।

तुम गोडसे की गोली की शैतानी आंधी हो,
मैं हिन्द के हर शख्स की धड़कन का गांधी हूं।।

कैसे मुझे मारोगे तुम ये बात बताओ?
क्या मार पाओगे सभी जज्बात बताओ?
हों गोलीं अगर इतनीं तो बेखौफ चलाओ,
हिंसा से अहिंसा को हराकर तो दिखाओ।

मैं साबरमती की लहरों में बेखौफ बहूंगा,
हिंसा का विरोधी था विरोधी ही रहूंगा।।

मैं हिन्द के हर शख्स की पहचान बना हूं,
दुनिया में मोहब्बत की ही आवाज बना हूं,
खुश हैं मुझे वो मारकर ये जानके खुश हूं,
मेरा मुल्क सलामत है मैं इस बात से खुश हूं।

मैं हिन्द के अरमान के पत्थर की शिला हूं,
सच्चाई की हर राह का मैं जलता दिया हूं।।

तुम गोडसे की गोली की शैतानी आंधी हो,
मैं हिन्द के हर शख्स की धड़कन का गांधी हूं।।

लेखक/कवि
अभिषेक सोनी “अभिमुख”
ललितपुर, (उत्तर–प्रदेश)

Language: Hindi
1 Like · 20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
नूरफातिमा खातून नूरी
" कद्र "
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
Dr fauzia Naseem shad
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
लोग जाने किधर गये
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
पुकार!
पुकार!
कविता झा ‘गीत’
★किसान ★
★किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
रुख़्सत
रुख़्सत
Shyam Sundar Subramanian
🌹#तुम_मुझे_ढूंढ_लेना🌹
🌹#तुम_मुझे_ढूंढ_लेना🌹
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
प्यार के मायने बदल गयें हैं
प्यार के मायने बदल गयें हैं
SHAMA PARVEEN
रास्ते अनेको अनेक चुन लो
रास्ते अनेको अनेक चुन लो
उमेश बैरवा
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हे वक्त बदलना है,
तुम्हे वक्त बदलना है,
Neelam
आप या तुम
आप या तुम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
जिंदगी एक सफर सुहाना है
जिंदगी एक सफर सुहाना है
Suryakant Dwivedi
SHER
SHER
*प्रणय प्रभात*
गांधी जी और शास्त्री जी जयंती पर विशेष दोहे
गांधी जी और शास्त्री जी जयंती पर विशेष दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
स्वीकार्यता समर्पण से ही संभव है, और यदि आप नाटक कर रहे हैं
स्वीकार्यता समर्पण से ही संभव है, और यदि आप नाटक कर रहे हैं
Sanjay ' शून्य'
मेखला धार
मेखला धार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
23/25.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/25.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
পৃথিবী
পৃথিবী
Otteri Selvakumar
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
it is not about having a bunch of friends
it is not about having a bunch of friends
पूर्वार्थ
Loading...