महात्मा गाँधी जयंती पर कविता
अहिंसा के पुजारी गाँधी को; नमन हमारा है।
ये देश है बलिदानों का;जो प्राणों से प्यारा है।।
देखा था बापू जी ने ;जो देश खातिर सपना।
किये कई आंदोलन पर;हुआ न कोई अपना।।
पहला सपना था मेरे बापू जी का;स्वच्छ भारत की छवि। नशामुक्त समाज,रोजगार थे दूजे तीजे;बतला रहा है कवि।।
तो आज भी है ये मुद्दे; हम सब लोगों पर भारी।
इसलिए हर जगह फैली;भुखमरी और महामारी।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा”दीपक”
मो.नं.-9628368094,7985502377